Friday 9 June 2017

बुलाती है मगर जाने का नहीं

बुलाती है मगर जाने का नईं *
ये दुनिया है इधर जाने का नईं

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुजर जाने का नईं

सितारें नोच कर  ले जाऊँगा
में खाली हाथ घर जाने का  नईं

वबा* फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नईं

वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नईं

*नईं – नईं का मतलब पुरानी उर्दू में नहीं होता है
*वबा  – महामारी

राहत इन्दौरी

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