Thursday 8 June 2017

सुना है वो हमें भुलाने लगे है

सुना है वो हमें भुलाने लगे है
तो क्या हम उन्हे याद आने लगे है

हटाए थे जो राह से दोस्तो की
वो  पत्थर मेरे घर में आने लगे है

ये कहना था उनसे मुहब्ब्त है मुझको
ये कहने मे मुझको ज़माने लगे है

कयामत यकीनन करीब आ गई है
“ख़ुमार” अब तो मस्ज़िद में जाने लगे है

ख़ुमार बाराबंकवी

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