Tuesday, 23 February 2016

मेरा सच्चा साथी

मेरा सच्चा साथी

कहीं देखा हैं तुमने उसे 
जो मुझे सताया करता था 
जब भी उदास होती थी मैं 
मुझे हँसाया करता था 
एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा 
जो मुझे अब भी याद आता हैं 
खो गया वक्त के भँवर में कहीं 
जो हर पल मेरे साथ होता था 
आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं 
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था 
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर 
तो उसे मेरा संदेशा देना 
कोई हैं जो आज भी उसका इंतजार कर रहा हैं 
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था

दोस्ती एक आईना हैं जो झूठ नहीं बोलता | आपको आपके व्यक्तितव से दोस्त ही परिचय करवाता हैं | आपके जीवन के अनमोल पल आपको दोस्तों से ही मिलते हैं |

दोस्त जो आपके सुख दुःख का साथी बनता हैं जो आपको हिम्मत देता हैं | कठिन वक्त में जो आपके पीछे खड़ा होता हैं | हर कोई जानने वाला दोस्त नहीं होता हैं । दोस्त वो होता हैं जो आपको आपसे ज्यादा बेहतर जानता और समझता हैं |

सच्चे दोस्त कभी आसानी से नहीं मिलते | हर एक मोड़ पर दोस्त तो बन जाते हैं लेकिन साथ निभाने वाले दोस्त किसी भी मोड़ पर छोड़कर नहीं जाते |

कभी-कभी अल्फाज़ कोई और लिख देता हैं लेकिन लिखी बाते व्यक्ति को उनके जीवन से जुड़ी यादें याद दिला जाती हैं | वो उन अलफ़ाजो में खुद को तलाशने लगता हैं | बीते पलो को याद करने लगता हैं | ये बीते पल कभी गम के, कभी ख़ुशी के आंसू छलका जाते हैं |इन बीते पलो को दोस्त ही यादगार बनाते हैं | बिना दोस्त जिंदगी में खुशियाँ नहीं आती |

ज़िन्दगी ज़िन्दाबाद

दोस्ती ज़िन्दाबाद

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