Saturday 13 August 2016

तब जब तुम मिले

हां,मैंने भी देखा था 
मुझको 
उस समय... 
तब जब 
तुम मिले तो चंद्र-सी चमक 
मेरे चेहरे पर निखर आई थी 
सूर्य-सा सौभाग्य मेरे माथे पर सज उठा था 

तुम्हारे साथ का जादू ही था कि 
आ गया मुझमें धरा-सा धैर्य
और अरमानों को मिल गया वायु-सा वेग 
जीवन जल-सा सरल-तरल हो गया..... 
झरने-सी कलकल झर-झर
खूब सारी खुशियों का स्वर 
सुना था मैंने हर तरफ....

तारों-सी टिमटिम 
दमकती मुस्कुराती मेरी चूनरी ने 
देखा था मुझको
मुझे ही निहारते हुए... 
और मैंने शर्मा कर फैला दिया था उसे 
आसमानी असीमता को छूने के लिए 
लहराते हुए... 
हां,मैंने भी देखा था 
मुझको ... तुम जब मिले थे...

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