Friday 12 August 2016

रुक जाना नहीं, तू कहीं हार के

बहुत पहले आप ने एक चिड़िया की कहानी सुनी होगी...

जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फंस गया था...

चिड़िया ने पेड़ से बहुत अनुरोध किया उस दाने को दे देने के लिए लेकिन पेड़ उस छोटी सी चिड़िया की बात भला कहां सुनने वाला था...

हार कर चिड़िया बढ़ई के पास गई और उसने उससे अनुरोध किया कि तुम उस पेड़ को काट दो, क्योंकि वो उसका दाना नहीं दे रहा...

भला एक दाने के लिए बढ़ई पेड़ कहां काटने वाला था...

फिर चिड़िया राजा के पास गई और उसने राजा से कहा कि तुम बढ़ई को सजा दो क्योंकि बढ़ई पेड़ नहीं काट रहा और पेड़ दाना नहीं दे रहा...

राजा ने उस नन्हीं चिड़िया को डांट कर भगा दिया कि कहां एक दाने के लिए वो उस तक पहुंच गई है।

चिड़िया हार नहीं मानने वाली थी...

वो महावत के पास गई कि अगली बार राजा जब हाथी की पीठ पर बैठेगा तो तुम उसे गिरा देना, क्योंकि....

राजा बढ़ई को सजा नहीं देता...
बढ़ई पेड़ नहीं काटता...
पेड़ उसका दाना नहीं देता...

महावत ने भी चिड़िया को डपट कर भगा दिया...

चिड़िया फिर हाथी के पास गई और उसने अपने अनुरोध को दुहराया कि अगली बार जब महावत तुम्हारी पीठ पर बैठे तो तुम उसे गिरा देना क्योंकि....

वो राजा को गिराने को तैयार नहीं...
राजा बढ़ई को सजा देने को तैयार नहीं...
बढ़ई पेड़ काटने को तैयार नहीं...
पेड़ दाना देने को राजी नहीं।

हाथी बिगड़ गया...

उसने कहा, ऐ छोटी चिड़िया..
तू इतनी सी बात के लिए मुझे महावत और राजा को गिराने की बात सोच भी कैसे रही है?

चिड़िया आखिर में चींटी के पास गई और वही अनुरोध दोहराकर कहा कि तुम हाथी की सूंढ़ में घुस जाओ...

चींटी ने चिड़िया से कहा, "चल भाग यहां से...बड़ी आई हाथी की सूंढ़ में घुसने को बोलने वाली।

अब तक अनुरोध की मुद्रा में रही चिड़िया ने रौद्र रूप धारण कर लिया...
उसने कहा कि "मैं चाहे पेड़, बढ़ई, राजा, महावत, और हाथी का कुछ न बिगाड़ पाऊं........, पर तुझे तो अपनी चोंच में डाल कर खा ही सकती हु"...

चींटी डर गई।

...भाग कर वो हाथी के पास गई।
...हाथी भागता हुआ महावत के पास पहुंचा।
...महावत राजा के पास कि हुजूर चिड़िया का काम कर दीजिए नहीं तो मैं आपको गिरा दूंगा।
....राजा ने फौरन बढ़ई को बुलाया।
...उससे कहा कि पेड़ काट दो नहीं तो सजा दूंगा।
...बढ़ई पेड़ के पास पहुंचा।
...बढ़ई को देखते ही पेड़ बिलबिला उठा कि मुझे मत काटो।
…मैं चिड़िया को दाना लौटा दूंगा।

आपको अपनी ताकत को पहचानना होगा।

...आपको पहचानना होगा कि भले आप छोटी सी चिड़िया की तरह होंगे, लेकिन ताकत की कड़ियां कहीं न कहीं आपसे होकर गुजरती होंगी।
...हर शेर को सवा शेर मिल सकता है, बशर्ते आप अपनी लड़ाई से घबराएं नहीं।
...आप अगर किसी काम के पीछे पड़ जाएंगे तो वो काम होकर रहेगा।
... यकीन कीजिए...हर ताकत के आगे एक और ताकत होती है और अंत में सबसे ताकतवर आप होते हैं।

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