Monday 4 April 2016

मेरी ज़िन्दगी की किताब के कुछ फटे हुए पन्ने

मेरी ज़िन्दगी एक क़िताब है..
हर पन्ने पर एक राज़ है..
हर कोई इसे पढ़ना चाहता है..
और आता नहीं कोई बाज़ है..
हर पन्ने की लिखावट अलग है..
जो पढ़ पाया उस पर नाज़ है..
हर पन्ना खोलता एक ख़्वाब है..
और हर ख़्वाब ज़िन्दगी का जवाब है..
मेरी क़िताब गले से लगा ली जिसने..
वो शख्स ही मेरे दिल का नवाब है..

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