हमने कोशिश करके देखी पत्थर को पिघलाने की
पत्थर कभी नहीं पिघले अब मानी बात जमाने की।
पत्थर कभी नहीं पिघले अब मानी बात जमाने की।
हमने कोशिश करके देखी दुश्मन यार बनाने की
दुश्मन कभी ना यार बने ये बात है सोलह आने की।
दुश्मन कभी ना यार बने ये बात है सोलह आने की।
उनको भी तो आदत नाही दिल का दर्द बताने की
हमको भी आदत ना नाहक अपनापन जतलाने की ।
हमको भी आदत ना नाहक अपनापन जतलाने की ।
अपना तो है दर्द से रिश्ता भूख-गरीबी से यारी
हमने भूखों जीना सीखा आदत ना हाथ फैलाने की ।
हमने भूखों जीना सीखा आदत ना हाथ फैलाने की ।
हर मानव दुखियारा जग में कोई खुशी नही दिखता
फिर हम क्यों कोशिश भी करते अपना दर्द बताने
फिर हम क्यों कोशिश भी करते अपना दर्द बताने
मिलते ही वो शुरू हो गए अपने दर्द बताने को
मेरी तो बारी ना आई अपनी बात सुनाने की ।
मेरी तो बारी ना आई अपनी बात सुनाने की ।
शायद वो मेरा हो जाता जो मैं दिल की कह पाता
होती बात है यूं क्या 'रोहित' दिल अपना समझाने की।
होती बात है यूं क्या 'रोहित' दिल अपना समझाने की।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
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