Friday 3 April 2020

भगवान बुद्ध का उपदेश




एक समय की बात है भगवान बुद्ध अपने कुछ संतों के साथ रामपुर नामक एक गाँव में कथा कहने के लिये जा रहे थे।

गाँव की तरफ जाते समय उन्हें और उनके संतों को रास्ते में कुछ छोटे-छोटे गड्ढे खुदे हुए दिखायी दिये।

उन संतों में से एक सन्त ने भगवान बुद्ध से पूछा, स्वामी रास्ते में इतने सारे गड्ढे खोदने का क्या कारण हो सकता है?

भगवान बुद्ध ने एक मुस्कराहट के साथ उस सन्त को जवाब दिया कि कोई व्यक्ति यहाँ पानी की तलाश कर रहा था, एक जगह पानी नहीं मिला तो दूसरी जगह गड्ढा किया, और फिर तीसरी, फिर चौथी और जब वो गड्ढा खोद-खोदकर थक गया और इतनी मेहनत करने के बाद भी पानी नहीं मिला तो छोड़ कर चला गया।

अगर वो कई जगह खोदकर पानी ढूँढने के बजाय एक ही जगह अपनी सारी ऊर्जा लगाकर गड्ढा खोदता तो सायद उसे पानी मिल जाता।

इसी लिये कहा जाता है कि किसी भी काम को करते समय धैर्य रखना चाहिये, क्या पता कि हम अपनी मंजिल तक पहुँचने ही वाले हो और बस पास में ही पहुँचकर हार मान लें।

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