Tuesday 31 March 2020

कोरोना पर कविता : मुझसे डरो ना...Corona


कल रात मेरे सपने में आया कोरोना....
 
उसे देख जो मैं डरा, तो वो मुस्कुरा के बोला
मुझसे डरो ना... 
 
उसने कहा- कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति। 
न चूमते, न गले लगाते..
दोनों हाथ जोड़ कर, वो स्वागत करते, वही करो ना
मुझसे डरो ना...
 
कहां से सीखा तुमने ?? रूम स्प्रे ,बॉडी स्प्रे
पहले तो तुम धूप, दीप कपूर, अगरबत्ती, लोभान जलाते 
वही करो ना,
मुझसे डरो ना...
 
शुरू से तुम्हें सिखाया गया..
अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो, 
मत भूलो अपनी संस्कृति, वही करो ना 
मुझसे डरो ना... 
 
उसने कहा सादा भोजन उच्च विचार 
यही तो है तुम्हारे संस्कार।
उन्हें छोड़ जंक फूड फ़ास्ट फूड के चक्कर में पड़ो ना 
मुझसे डरो ना... 
 
उसने कहा शुरू से ही जानवरों को पाला-पोसा, प्यार दिया 
रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति, उनका भक्षण करो ना 
मुझसे डरो ना...
 
कल रात मेरे सपने में आया कोरोना 
बोला मुझसे डरो ना...

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