Friday 12 April 2019

ज्ञान से होती है इंसान की सही पहचान

दोस्तों, हम सभी जानते हैं कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें motivation और प्रेरणा की जरूरत होती है| जीवन में हम हर किसी से कुछ ना कुछ सीखते रहते हैं, लेकिन फिर भी बहुत सी चीजें ऐसी होती है जो हम अपने आसपास की चीजों से भी नहीं सीख पाते| इसी संदर्भ में हम कुछ ज्ञान की बातें बताने जा रहे हैं जो जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए हमें प्रेरित करती है-

जीवन और मृत्यु पर किसी का बस नहीं है| फिर भी जीने की इच्छा बहुत प्रबल है| लोग अपने अपने तरीकों और कारणों से इस जीवन को जी रहे हैं| किसी को धन चाहिए, किसी को प्रतिष्ठा, किसी को परिवार, और किसी को शोहरत| हर कोई इस जीवन में कुछ न कुछ लेना चाहता है, पाना चाहता है| लेकिन देने की किसी में कोई दिलचस्पी नहीं है|

प्राप्त करने की इच्छा इतनी प्रबल होती जाती है कि मनुष्य कुछ भी करने को तैयार हो जाता है| इस दुनिया में अधिकांश लोग सब कुछ पा लेने में ही लगे रहते हैं| इसी वजह से समाज दो हिस्सों में बंटा हुआ है| एक वर्ग उन लोगों का है जो मनचाहा प्राप्त करने में समर्थ  है| दूसरी तरफ वे लोग हैं जिन्हें अन्य लोगों का सहारा चाहिए| जिसके पास सब कुछ है वह देने की इच्छा नहीं रखता|जो असहाय हैं, अभावग्रस्त  हैं और निर्बल  है, वह इस सभ्य समाज से बहुत कुछ अपेक्षा रखते हैं| लेकिन होता विपरीत है|

शीत ऋतु भी ग्रीष्म ऋतु का स्वागत करती है| दिन, हमेशा रात का स्वागत करता है| दिन का रात में बदलना और ऋतु का आना-जाना प्रकृति के इस अद्भुत आकर्षण को बनाए रखता है| इसी तरह मनुष्य में देने की प्रवृत्ति जन्म लेती है, तो उसका प्रभाव बनता है| अन्य लोग प्रेरित होते हैं|

अच्छे गुणों के अभाव से कुछ लोग धनवान,शक्तिशाली और प्रभावशाली तो हो जाते हैं लेकिन समाज को उन से कोई लाभ नहीं होता है| जैसे शेर जंगल का राजा तो होता है लेकिन अकेला होता है क्योंकि सभी जानवर उससे डरते हैं और उससे दूर रहते हैं|

जैसे योग आसन और व्यायाम के बिना हमारा शरीर fit नहीं रहता है| ठीक उसी प्रकार मन का कार्य सही तरीके से संपन्न करने के लिए कुछ मानसिक व्यायाम (mental exercise) भी आवश्यक होता है|

यदि इंसान में शारीरिक शक्ति तो बहुत ज्यादा हो लेकिन मानसिक रूप से वह strong ना हो, तो उसे एक complete human being नहीं कह सकते| कभी कभी लाइफ में होता है कि हमारे मन में बहुत ही negetive विचार आने लगते हैं| ऐसी स्थिति में अपने मन को शुद्ध करिए और अपनी inner voice को सुनिए|किसी के प्रति कोई बैर ना रखें| अपने मन में कोई शंका या कोई मैल ना रखें| किसी इंसान के ऊपर उंगली उठाने से पहले एक बार अपने खुद के अंदर भी झांक लीजिए कि हमारे अंदर कितनी कमियां है| मन की गंदगी को पूर्ण रुप से निकाल देने पर आप प्रत्येक कार्य को सही तरीके से संपन्न कर सकते हैं|

मन का स्वभाव बहुत चंचल है| तितली से भी ज्यादा चंचल स्वभाव मन का है, जैसे तितली एक फूल से दूसरे फूल पर मंडराती रहती है| उसी तरह हमारा मन भी एक जगह पर नहीं टिकता है| यदि हम अपने मन में उठते विचारों को control करना सीख लेते हैं| तो हमारे जीवन में संतुष्टि (satisfaction) और शांति की भावना पैदा होने लगती है|

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