Friday, 12 February 2016

कुछ अनकही नज़्में


1.

लौट आओ कि मेरी साँसे अब तिनका तिनका बिखरती हैं..
कहीं मेरी जान ना ले ले ये पहली शाम दिसंबर की..

2.

मुझे मालूम है मैं उस के बिना ज़ी नहीं सकता...
उस का भी यही हाल है मगर किसी और के लिए...

3.

वो याद आया कुछ यूँ, कि लौट आए सब सिलसिले....
ठन्डी हवा, पीले पत्ते और नवम्बर के ये दिन..

4.

हिचकियों पर हिचकियाँ मैं रातभर भरता रहा,
वो सो रहा था तो फिर मुझे कौन याद करता रहा.. ?

5.

बचपन की नींद अब बहुत याद आती है..
सिर्फ़ मुहब्बत पर ये इलजाम ठीक नहीं..

6.

जाते वक़्त उसने बड़े गुरुर से कहा था ,"तुम जैसे हज़ार मिलेंगे !
मैंने मुस्कराकर कहा, मुझ जैसे की ही तलाश क्यों ?

7.

वो शख्स...शायद...मुझी को सोच रहा होगा...
आंखों में ये गुलाब...वरना कहां से आए...

8.

हलकी हलकी सी सर्द हवा
ज़रा ज़रा सा दर्द ए दिल
अंदाज अच्छा है ए नवम्बर तेरे आने का

9.

लाजवाब कर देतें हैं...तेरे खयाल...दिल को...
मोहोब्बत...तुझसे अच्छा...तेरा तसव्वुर हैं...

10.

ये किसका खयाल...कौनसी खुशबु...सता रहीं हैं दिल को...
ये जो करार दिल में हैं...कहीं...ये मोहोब्बत तो नहीं..

11.

कोशिश ज़रा सी करता तो मिल ही जाता मैं .... 
उसने मगर अपनी आँखों में ..... ढूँढा नहीं मुझे

12.

पूछा था हाल उन्हॊने बड़ी मुद्दतों के बाद...
कुछ गिर गया है आँख में...कह कर हम रो पड़े...

13.

मेरे सीने से लिपटे होते हैं आज भी एहसास तेरे,
जैसे लिखावट कोई लिपटी हो किताबी पन्नो से ।।

14.

गर मिल जाती दो दिन कि बादशाहत हमें,
तो मेरे शहर में तेरी तश्वीर का सिक्का चलता..!

15.

तेरे एक इशारे पे, हम इल्जाम अपने नाम ले लेते
बेवजह, झूठे इल्जाम लगाने की जरुरत क्या थी ?

16.

होश मुझे भी आ ही जायेगा मगर..
पहले ! दिल तेरी याद से रिहा तो हो..

17.

जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे, जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
मगर ये टूटना-जुड़ना हमें तकलीफ बहुत देता है..

18.

जो पूरा न हो सका.. वो किस्सा हूँ मै...
छूटा हुआ ही सही.. तेरा हिस्सा हूँ मै..!!

19.

उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को..
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..

20.

हम से बेवफाई की इन्तहां क्या पूछते हो दोस्तों.......
वो हम से प्यार सीखती रही किसी और के लिए ....!!

21.

अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है........
एक वक़्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते~करते......!

22.

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में के मेरी नज़र को ख़बर न हो..
मुझे एक रात नवाज़ दे मगर उसके बाद सहर न हो...

23.

चल रहे है जमाने में रिश्वतो के सिलसिले..
तुम भी कुछ ले दे कर, मुझसे मोहब्बत कर लो..

24.

आँख उठाकर भी न देखूँ, जिससे मेरा दिल न मिले,
जबरन सबसे हाथ मिलाना, मेरे बस की बात नहीं..

25.

प्यार ने क्या-क्या गज़ब कर दिया, किसी का नाम कविता किसी को ग़ज़ल कर दिया,
जो एक फूल का वज़न भी उठा न सकी,उस मुमताज के सीने पर ताजमहल रख दिया..

26.

घर उसने क्या बनाया मस्जिद के सामने..
चाहत ने उसकी हमें नमाजी बना दिया..

27.

समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया,
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया,
ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में,
टूटा-फूटा नाच रहा है, अच्छा ख़ासा टूट गया....

28.

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली.

29.

ये कह कह के हम दिल को समझा रहे है..
वो अब चल चुके,वो अब आ रहे है..

30.

फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया..
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ..

31.

बड़ी अजीब चीज है ये मौत भी,
कभी कभी उस जगह भी मिल जाती है....
जहाँ लोग जिंदगी की दुआ मांगने जाया करते है...

32.

हर इक हसरत हंस कर उनकी पूरी की हमने,
हमारी एक तमन्ना उनके दिल को भारी कर गयी..

33.

यूँ तो काफी मिर्च-मसाले हैं इस जिंदगी में....
तुम्हारे बिना जायका फिर भी फीका ही लगता है....

34.

चूम कर कफ़न में लपेटे मेरे चेहरे को,
उसने तड़प के कहा...
'नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं' !!

35.

ना ख़ुशी की तालाश है ना गमे निजात की आरज़ू ,
मैं खुद से नाराज़ हूँ तेरी बेरुखी के बाद..

36.

आज़ उदासी ने भी हाथ जोड़ कर कहा मुझसे,
वास्ता तुझे तेरे प्यार का मेरा आशियां छोड़ दे..

37.

मुमकिन हुआ तो मै तुम्हे माफ़ करूँगा..
फिलहाल तेरे आंसुओ का मुन्तजिर हूँ मैं..

38.

किसी के आने या जाने से जिँदगी नही रुकती..
बस जीने का अँदाज बदल जाता है..

39.

आज इस कदर याद आ रहे हो..
जिस कदर तुमने भुला रखा है..

40.

उस शख़्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं..
जाते हुए खुद को मेरे पास छोड़ गया..

41.

तुम्हें ये कौन समझाये तुम्हें ये कौन बतलाये..
बहोत खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते हैं..

42.

ख़्वाब जितने भी थे जल गए सारे..
अब इन आँखों में नमी के सिवा कुछ भी नही..

43.

तुम हमें मिल जाओ ये मुमकिन नहीं...
हम तुम्हे छोड़ दें ये हमें मंजूर नहीं ..

44.

सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये आंसू..
दिल का आलम तो अभी आपने देखा ही कहा है !!!!

45.

तेरी मुहब्बत भी उस खुदा के करम की तरह है,
जो जरूरतमंद है, बस उसी को ना मिली...

46.

वो एक पल जिसे तुम सपना कहते हो,
तुम्हे पाकर मुझे जिंदगी सा लगता है..

47.

बहुत याद करता है वो मुझे..
दिल से ये वहम जाता क्यों नहीं...

48.

अजब ज़ुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर ..
सो जाऊँ तो जगा देती हैं जग जाऊँ तो रुला देती हैं..

49.

बताओ ना कैसे भुलाऊँ तुम्हें..
तुम तो वाक़िफ़ हो इस हुनर से..

50.

शुक्रिया उनका कि हमें जीना सिखा दिया..
होते थे जिन आँखों में समंदर उनको ही सुखा दिया..

51.

ताज महल को बनाना तो हमें भी आ गया है अब ..
कोई एक मुठ्ठी वफ़ा अगर ला दे ,तो हम काम शुरू करें..

52.

मैं क्यों करूं मुहब्बत किसी से, मैं तो गरीब हूँ,
लोग बिकते हैं और खरीदना मेरे बस में नहीं...

53.

रिस्ते बन जाते है अनजाने मेँ...
पर तकलीफ होती है निभाने मेँ ..,
रूठनेँ बाले तो पल मेँ रूठ जाते है ..
और उमर गुजर जाती है उन्हेँ मनानेँ मेँ..

54.

ये मुहब्बत भी है क्या रोग फ़राज़,
जिसे भूले वो सदा याद आया...

55.

सफर मोहब्बत का दुश्वार कितना है..
मगर देखना है कोई वफादार कितना है..
यही सोच कर कभी उसे नहीं माँगा हमने...
उसे आजमाना है की वो मेरा तलबगार कितना है...

56.

साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तों..
जब अपने याद करना छोड़ दें मौत तो उसे कहते हैं..

57.

दीप ऐसे बुझे फिर जले ही नहीं ..
ज़ख्म इतने मिले फिर सिले ही नहीं..
व्यर्थ किस्मत पे रोने से क्या फायदा...
सोच लेना की हम तुम मिले ही नहीं ...

58.

लौट के आ गये शाम के परिंदे भी ..
मेरा वो " सुबह का भूला " अब तक नहीं लौटा..

59.

नजाकत से मेरी आँखों में वो उसका देखना तौबा..
इलाही हम उन्हें देखें या उनका देखना देखें..

60.

तू मेरे राम में खुदा का तसव्वुर कर ले....
तेरे खुदा में अपना राम देखता हूँ मैं....

61.

चैन मिलता था जिसे आके पनाहों में मेरी,
आज देता है वही अश्क निगाहों में मेरी....

62.
गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझको..
अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ..

63.

किसी की यादों ने पागल बना रखा है..
कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है..
जलने से पहले दिल निकाल लेना..
कहीं वो ना जल जाए जो दिल में छुपा रखा है...

64.

मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ..
सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है..

65.

हो सकती है मोहब्बत ज़िंदग़ी मे दोबारा भी..
बस हौसला हो एक दफ़ा फिर बर्बाद होने का..

66.

कोशिशें जब भी करता हूँ "उनको" भुलाने के लिए..
" वो" ख्वाबों में चले आते हैं, मुझको सताने के लिए..

67.

क्या मिला हमें सदियों कि मोहब्बत से..
एक शायरी का हुनर और दुसरा जागने कि सज़ा..

68.

महबूब का घर हो या फरिश्तों की ज़मी..
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा...

69.

ज़रा सा बात करने का तरीका सीख लो तुम भी..
इधर तुम बात करते हो उधर दिल टूट जाता है..

70.

उसका वादा भी बडा अजीब था जिंदगी भर साथ निभाने का..
मैंने भी ये नहीं पूछा कि मुहब्बत में साथ दोगे या यादों में..

71.

चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम ..
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम..

72.

वो कहते हैं अपने दिल के रास्ते पर चलो..
जब दिल ही टूटकर चौराहे पर बिखर जाए तो फिर किधर जाएं..

73.

फूल से आशि़की का हुनर सीख ले,
तितलियां ख़ुद रुकेंगी, सदाएं न दे..

74.

आशि़की बेदिली से मुश्किल है,
फिर मुहब्बत उसी से मुश्किल है..

75.

हमें कोई ग़म नहीं था, ग़म-ए-आशि़की से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले..

76.

आशि़की सब्रतलब और तमन्ना बेताब,
दिल का क्या रंग करूं, ख़ून-ए-जिगर होने तक..

77.

आग़ाज़-ए-आशि़की का मज़ा आप जानिए,
अंजाम -ए-आशि़की का मज़ा हम से पूछिए..

78.

अपने ख़ून-ए-वफ़ा से डरता हूं,
आशि़की बंदगी न हो जाए..

79.

सोचता हूँ उस की याद आखिर..
अब किसे रात भर जगाती होगी..

80.

बहूत नज़दीक आते जा रहे हो,
बिचरने  का इरादा कर लिया है क्या..

81.

आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी,
हल्की सी उड़ी थी उनके कदमों से जो धूल..
गोरी थी कि अपने बालों में सजाने के लिये,
चुपचाप से जाके तोड़ लाई वही फूल..

82.

बहुत देर तक खामोश रही तुम,
बहुत देर तक चुपचाप रहा मैं,

बहुत देर तक गूफ्तगू होती रही...

83.

हमने अब तक नहीं कहा उसको,
उसने अब तक नहीं कहा हमसे,

हम एक दूसरे से प्यार करते हैं...

84.

दिल गया तो कोई आँखे भी ले जाता,
फकत एक ही तस्वीर कहाँ तक देंखू..

85.

उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं, उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं, ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी...

86.

ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में,
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है..

87.

रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना..

88.

मयखाने में बेपरवाह बैठे जरुर हैं,
पर कितना है पीना हम इतने होश में हैं..

89.

रात भर आसमां में हम चाँद ढूढते रहे,
चाँद था कि चुपके से मिरे आँगन में उतर आया..

90.

यह शहर जालिमो का है संभल कर चलना,
लोग सीने से लग कर दिल ही निकाल लेते हैं..

91.

ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में,
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है..

92.

रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना..

93.

मेरी इबाबतो को ऐसे कर कबूल ऐ खुदा,
के सजदे में ,मै झुकू तो हर रिश्तों कि जिन्दगी सवर जाये !

94.

जिंदगी के राज़ को रहने दो,
अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो,
पर जब दिल करे हमें याद करने को,
तो उसे ये मत कहना के आज रहने दो..

95.

जिनके मिलते ही ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है,
वो लोग जाने क्यों ज़िन्दगी में कम मिला करते हैं।

96.

मुझसा कोई जहाँ में नादान भी न हो ,
कर के जो इश्क कहता है नुकसान भी न हो ...!!

97.

जी जान कर भी वो जान ना पाए,
आज तक मुझे पहचान ना पाए,
खुद ही कर ली बेवफ़ाई हुमने,
ताक़ि उन पर कोई इल्ज़ाम ना आए..

98.

आँखे रो पड़ी उनका ना पैगाम आया,
चले गये हमे अकेला छोड़ कर ये कैसा मुकाम आया..
मेरी तन्हाई हसी मुझ पर और बोली,  
आख़िर मेरे सिवा कौन काम आया..

99.

कहाँ नहीं तेरी यादों के हाथ,
कहाँ तक कोई दामन बचा के चले..

100.

पूछ कर मेरा पता बदनामिया मत मोल ले..
ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे, मुझे मिल जायेगा..

101.

कल, भीड़ में भी .... तुम हमें तन्हा दिखे,
अब बोल भी दो, है क्या वजह तन्हाई की ?

102.

जमाने भर के एव कम थे,
जो तुमने जाते जाते ये घाव दे दिया कि तुम अच्छे नही हो,

103.

जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो उन्होने पूछा हाल -चाल कैसा है,
तो मैने कहा तुम्हारी चली चाल से मेरा हाल बदल गया..

104.

इतनी शिद्दत से वो शख्स मेरी रगो मै उतर गया है,
कि उसे भुलाने कि लिये मुझे मरना होगा..

105.

मोहब्बत का अजीब दस्तूर देखा,
जो उसकी जीत हो तो हम हार जाये..

106.

तुम्हे मोहब्बत करना नहीं आता 
मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता 
ज़िन्दगी जिने के दो ही तरीके है 
एक तरीका तुम्हे नहीं आता 
एक मुझे नहीं आता ...

107.

किसी को भुलाने के लिए ना मर जाना तुम..
क्या जाने कौन तुम्हारी राह देख रहा होगा !!

108.

हम तो रो भी नहीं सकते उसकी याद में 
उसने एक बार कहा था 
मेरी जान निकल जाएगी 
तेरे आंसू गिरने से पहले..

109.

आँसू की कीमत जो समझ ली उन्होने.. 
उन्हे भूलकर भी मुस्कुराते रहे हम ..

110.

फिकर ही हमारी यही थी..
कि कहीं शिकायत ना हो उनको..
कि क़दर उनकी हमने नही की..

111.

उन्होने हाँ जो कह भी दिया..
क्या पता दुनिया से लड़ना पड़े हमे..!!

112.

ए जिन्दगी खत्म कर अब ये यादो के सिलसिले,
मै थक सा गया हू दिल को तसल्लिया देते देते,

113.

लोग इश्क़ करते है बड़े शोर के साथ,
हमने भी किया था बड़े ज़ोर के साथ,
मगर अब करेंगे ज़रा गौर के साथ,
क्योकि कल देखा था उसे किसी और के साथ!

114.

मेरे सब्र की इन्तेहाँ क्या पूछते हो 'फ़राज़'
वो मेरे सामने रो रहा है किसी और के लिए..

115.

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे

116.

आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे ,
कोई पता करो वो ठीक तो है ना..

117.

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर 
कदर क्या होती है तुझे वक़्त सिख देगा .
लोग इश्क़ करते है बड़े शोर के साथ,
हमने भी किया था बड़े ज़ोर के साथ,
मगर अब करेंगे ज़रा गौर के साथ,
क्योकि कल देखा था उसे किसी और के साथ..

118.

मेरे सब्र की इन्तेहाँ क्या पूछते हो 'फ़राज़'
वो मेरे सामने रो रहा है किसी और के लिए..

119.

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे

120.

आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे ,
कोई पता करो वो ठीक तो है ना...

121.

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर..
कदर क्या होती है तुझे वक़्त सिख देगा..

122.

हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे,
मगर अब मैं पुराने पते पर नहीं रहता!

123.

किसी की चाहत मे इतने पागल ना हो,
हो सकता हे वो तुम्हारी मंज़िल ना हो,
उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत ना समझो,
कहीं ये मुस्कुराना उसकी आदत ना हो…!!!

124.

दिल धड़कता है तो डर सा लगा रहता है,
कोई सुन ना ले, मेरी धड़कन मे नाम तेरा..

125.

तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम?
अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !

126.

इश्क़ का दस्तूर ही कुछ ऐसा है
जो इसे जान लेता है
ये साला उसी की जान लेता है !!

127.

वफ़ा करने से मुकर गया है दिल;
अब प्यार करने से डर गया है दिल;
अब किसी सहारे की बात मत करना;
झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।

128.

किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है.

129.

खुली आंखो से देखा एक ऐसा ख्वाब जो अपना नही था,
आज तक वो शक्स दिल मे है जो उस्स वक़्त भी मेरा नही था !

130.

कुछ नही बदला उसके जाने के बाद इस जिंदगी में,ऐ दोस्तों,
बस कल जिस जगह दिल हुआ करता था आज वहा दर्द होता है..!!

131.

महगाई का आलम तो देखो
घर क्या ले जाना है
जानबूझ कर भूल जाता हूँ

132.

हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,
जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेंका...

133.

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा;,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है..

134.

बहुत दिनों से ख्वाहिश हैं कि किसी दिन वो आए और कहे,
बंद करो ये रोना, लो लौट आई मैं तुम्हारे लिए..

135.

आज़ाद कर दिया हे हमने भी उस पंछी को,
जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था...!!

136.

प्यार की बाते तू क्या जानेगी ......
तू गैर है कोई मेरी अपनी तो नहीं..

137.

तुझ से ज्यादा चाहत मुझे किसी और से मिली है मुझे..
तू मौत की तरफ़ लें जाने वाली राह है वो ज़िन्दगी देने चली है मुझे..

138.

मैं लौट कर आऊं भी तो कैसे हर दरवाजा बंद नज़र आता है..
सुना है हमने भी इश्क करने वालो सेदिल का दरवाजा अंदर से खोला जाता है..

139.

झूठ है के प्यार के रिश्ते जनम-जनमतक जुड़े होते हैं...!!
मैंने तो एक जनम के साथ के लिए, दिल को तड़पते देखा है...!!

140.

मुझे दर्द दे कर तुझे सुकून मिलता है तो दर्द कबूल है मुझे..
तू मेरे बिना खुश है तो तुझ से जुदाई मंजूर है मुझे..

141.

मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो,
मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में
देखना..

142.

ये है ज़िन्दगी, किसी के घर आज नई कार आई,
और किसी के घर मां की दवाई उधार आई..

143.

तुम बिन सांसे तो आती है,
मगर जिंदगी महसूस नहीं होती..

144.

तेरी बेरुखी से इस कदर टूट गया हूँ मैं..
लगता है बिन रूह की ज़िन्दगी गुज़ार रहा हूँ..

145.

जब उसका दर्द मेरे साथ वफ़ा करता है,
एक समुन्दर मेरी आँखों से बहा करता है..

146.

मै नहीं जानता की उसके लिये दिल में एहसास क्यों है..
वो अमानत है गैर की फ़िर भी उसको पाने की प्यास क्यों है..

147.

तू मेरे जनाजे को कन्धा ना देना,
जिन्दा ना हो जाऊ फिर कही तेरा सहारा देख कर !!

148.

चंद खुशियाँ ही बची थी, मेरे हाथो की लकीरो में..
वो भी तेरे आंसु पोछते हुए, मिट गई.............

149.

'ख़ुदा जाने मेरा क्या वज़्न है उनकी निगाहों में?
सुना है आदमी को वोह नज़र में तोल लेते हैं.!!

150.

बडा जालिम है साहब दिलबर मेरा,
उसे याद रहता है मुझे याद न करना l

151.

मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले...
बाहर से जो दिखता हो अन्दर भी वैसा ही मिले..!!

152.

किसी पर भी एतबार ज़रा सोच समझकर, करनामुमकिन नही तुम्हे हर जगह हम मिले..

153.

मैं उदास हूं बिना तेरे कैसे कहूँ की जी नहीं सकता,
कैसे तूने उस गैर को अपना बना लिया,
मैं ये बात अब सह नहीं सकता..

154.

अगर इश्क़ करो तो....अदब-ए-वफ़ा भी सीख लो,
ये चंद लम्हों की बेक़रारी...मोहब्बत नहीं होती...!!

155.

दिल के लिये ज़िंदगी का पैगाम बन गई ....
सिमट के " तन्हाइयाँ " तेरा नाम बन गई .....!!

156.

प्यार का तो पता नही..लेकिन जब भी तू परेशान
होती है,
एक अजीब सी बेचैनी हो जाती है मुझे ����

157.

हमदर्द थे...हम-कदम थे...हमसफ़र थे...हमनशीं
जो भी थे बस हम थे ....!
वो तो कभी थे ही नहीं .....!

158.

क्या ऐसा नही हो सकता
हम तुमसे तुमको मांगे....

साहब

और तू मुस्कुरा के कहे
अपनी चीजे माँगा नही करते....

159.

जब तक साँस है , टकराव मिलता रहेगा !
जब तक रिश्ते हैं , घाव मिलता रहेगा !
पीठ पीछे जो बोलते हैं , उन्हें पीछे ही रहने दे ,
रास्ता सही है तो गैरों से भी लगाव मिलता रहेगा।।

160.

मेरी तहरीर से लिपटे हुए ताबूत ना खोल,
अल्फ़ाज़ गर जी उठे तो ख़ौफ़ से मर जाओगे तुम..

161.

किसी को किसी से कम ना आँकिये साहब,
देखिये दोनों ने मिल कर साल बदल दिया..

162.

पहले हम अच्छे थे अब कैसे बुरे हो गये,
तुम ख़ुद तो बदले हो,बयाँन तो ना बदलो..

163.

एक हुनर है चुप रहने का,
इक ऐब है कह देने का..

164.

ये साल भी गुज़रा तेरे प्यार की मानिद,
आते हुए कुछ और था और जाते हुए कुछ और..

165.

सुना है बहुत पढ़ें लिखें हो तुम,
कभी वो भी तो पढ़ो जो हम लिख नहीं पाते..

166.

दिये हैं ज़िन्दगी ने ज़ख़्म एैसे,
के जिनका वक़्त भी मरहम नही..

167.

चालाकी कहाँ मिलती है ज़रा हमें भी बता दीजिये,
ज़रा सा मीठा बोल के हर कोइ ठग लेता है..

168.

यह कैसा ख़्वाब था,झटका सा लगा दिल को,
के इक शख़्स परेशान था मेरी तलाश में..

169.

प्यास कहती है कि अब कोइ रेत निचोड़ी जाय,
अपने हिस्से में समन्दर नहीं आने वाला..

170.

चेहरे बदल बदल कर मिल रहे हैं लोग,
इतना बुरा सलूक मेरी सादगी के साथ !!!

171.

मुझे लहज़ा बदलने से हमेशा ख़ौफ़ आता है,
के लहज़े जब बदलते हैं तो कोइ अपना नहीं रहता..

172.

अजीब लोगों का बसेरा है तेरे शहर में,
ग़रूर में मिट जाते हैं मगर याद नहीं करते..

173.

तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी;
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था;
और दिल में चाहत किसी और की भर दी!

174.

न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता!
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता!
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे!
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!

175.

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी सीख लो...
अग़र ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते...

176.

दोस्त समझते हो तो दोस्ती निभाते रहना;
हमें भी याद करना खुद भी याद आते रहना;
हमारी तो हर ख़ुशी दोस्तों से ही है;
हम खुश रहें या ना आप सदा यूँ ही मुस्कुराते रहना।

177.

आसमान से उतरी हैं, तारों से सजाई है..
चाँद की चांदनी से नेहलायी हैं, ए दोस्त,
संभल के रखना ये दोस्ती,
यही तो हमारी ज़िन्दगी भर की कमाई है..

178.

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!

179.

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की,
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती....!!!

180.

कुछ हार गयी तकदीर कुछ टूट गए सपने,
कुछ गैरों ने बर्बाद किया कुछ छोड़ गए अपने !!

181.

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती....,
अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए...।

182.

हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम..
दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!

183.

मेरी ख्वाहिश है की मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊं,..
माँ से इस तरह लिपट जाऊं की बच्चा हो जाऊं..

184.

प्रेम तब तक सिर्फ एक शब्द भर है जब तक आप इसका अहसास नहीं कर लेते।

185.

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी साँस तक तेरा इंतजार करूँ !

186.

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!

187.

तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र ..तेरा एहसास...तेरा ख्याल..!!! तू खुदा नहीं ....फिर हर जगह मौज़ूद क्यूँ है...!!

188.

सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे,
जिस से भी करेगा, बेमिसाल करेगा।

189.

हाथों की लकीरों के फरेब में मत आना..
ज्योतिषों की दूकान पर ''मुक्कदर'' नहीं बिकते..

190.

'साहिल' पे बैठे यूँ सोचता हूँ मैं आज
कौन ज्यादा मजबूर है
ये किनारा जो चल नहीं सकता या
या वो लहर जो ठहर नहीं सकती ?

Thursday, 11 February 2016

इस से पहले कि सजा मुझ को मुक़र्रर हो जाये

इस से पहले कि सजा मुझ को मुक़र्रर हो जाये..
उन हंसी जुर्मों कि जो सिर्फ मेरे ख्वाब में हैं..
इस से पहले कि मुझे रोक ले ये सुर्ख सुबह..
जिस कि शामों के अँधेरे मेरे आदाब में हैं..
अपनी यादों से कहो छोड़ दें तनहा मुझ को..
मैं परेशान भी हूँ और खुद में गुनाहगार भी हूँ..
इतना एहसान तो जायज़ है मेरी जाँ मुझ पर..
मैं तेरी नफरतों का पाला हुआ प्यार भी हूँ..

हंगामा

हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा

कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा
कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा
मैं उससे दूर था तो शोर था साजिश है , साजिश है
उसे बाहों में खुलकर कस लिया दो पल तो हंगामा

जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा
ये जज्बातों, मुलाकातों हंसी रातों का हंगामा
जवानी के क़यामत दौर में यह सोचते हैं सब
ये हंगामे की रातें हैं या है रातों का हंगामा

कलम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा
गिरेबां अपना आंसू में भिगोता हूँ तो हंगामा
नही मुझ पर भी जो खुद की खबर वो है जमाने पर
मैं हंसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा

इबारत से गुनाहों तक की मंजिल में है हंगामा
ज़रा-सी पी के आये बस तो महफ़िल में है हंगामा
कभी बचपन, जवानी और बुढापे में है हंगामा
जेहन में है कभी तो फिर कभी दिल में है हंगामा

पगली लड़की

मावस की काली रातों में, दिल का दरवाजा खुलता है..
जब दर्द की काली रातों में, गम आंसूं के संग घुलता हैं..
जब पिछवाड़े के कमरे में, हम निपट अकेले होते हैं..
जब घड़ियाँ टिक -टिक चलती हैं, सब सोते हैं, हम रोते हैं..

जब बार बार दोहराने से, सारी यादें चुक जाती हैं..
जब उंच-नीच समझाने में, माथे की नस दुःख जाती हैं..
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है..
और उस पगली लड़की  के बिन मरना भी भारी लगता है..

जब पोथे खाली होते हैं, जब हर्फ़ सवाली होते हैं..
जब ग़ज़लें रास नहीं आतीं, अफसाने गाली होते हैं..
जब बासी फीकी धुप समेटें, दिन जल्दी ढल जाता है..
जब सूरज का लश्कर, छत से गलियों में देर से जाता है..

जब जल्दी घर जाने की इच्छा, मन ही मन घुट जाती है..
जब कॉलेज से घर लाने वाली ,पहली बस छुट जाती है..
जब बेमन से खाना खाने पर, माँ गुस्सा हो जाती है..
जब लाख मन करने पर भी, पारो पढने आ जाती है..
जब अपना हर मनचाहा काम कोई लाचारी लगता है..
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता   है..

और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी  लगता है..

जब कमरे में सन्नाटे की आवाज सुनाई देती  है..
जब दर्पण में आँखों के नीचे झाई दिखाई देती  है..
जब बड़की भाभी कहती हैं, कुछ सेहत का भी ध्यान करो..
क्या लिखते हो दिनभर, कुछ सपनों का भी सम्मान  करो..
जब बाबा वाली बैठक  में कुछ रिश्ते वाले आते  हैं..
जब बाबा हमें  बुलाते  हैं, हम जाते  हैं, घबराते  हैं..
जब साड़ी पहने एक लड़की का फोटो लाया जाता है..
जब भाभी हमें मनाती हैं, फोटो दिखलाया जाता है..
जब सारे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है..

तब एक पगली  लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है..
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता  है..

दीदी कहती हैं उस पगली लड़की की कुछ औकात नहीं..
उसके दिल में भैया, तेरे जैसे प्यारे जज्बात नहीं..
वो पगली लड़की मेरी खातिर नौ दिन भूखी रहती है..
छुप-छुप सारे व्रत करती है, पर मुझसे कुछ ना कहती है..
जो पगली लड़की कहती है, मैं प्यार तुम्ही से करती  हूँ..
लेकिन मै हूँ मजबूर बहुत, अम्मा-बाबा से डरती  हूँ..

उस पगली लड़की पर अपना कुछ भी अधिकार नहीं बाबा..
ये कथा-कहानी किस्से हैं, कुछ भी तो सार नहीं बाबा..

बस उस पगली लड़की के संग जीना फुलवारी लगता है..
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है..

कुछ छोटें सपनों के बदले

कुछ छोटे सपनो के बदले, बड़ी नींद का सौदा करने..
निकल पडे हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे..

वही प्यास के अनगढ़ मोती, वही धूप की सुर्ख कहानी..
वही आंख में घुटकर मरती, आंसू की खुद्दार जवानी..
हर मोहरे की मूक विवशता, चौसर के खाने क्या जाने..
हार जीत तय करती है वे, आज कौन से घर ठहरेंगे..
निकल पडे हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे..

कुछ पलकों में बंद चांदनी, कुछ होठों में कैद तराने..
मंजिल के गुमनाम भरोसे, सपनो के लाचार बहाने..
जिनकी जिद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे..
उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे..
निकल पडे हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे..

कुछ छोटे सपनो के बदले, बड़ी नींद का सौदा करने..
निकल पडे हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे..

Wednesday, 10 February 2016

लम्हों के झरोखों से

1.

मेरी हर दुआ हर अजान में तू है ,
कहते है घर खुदा का जिसे उस मकान में तू है
कैसे पहुंचेगी मेरी परवाज़ तुझ तक ,
मैं हूँ जमीन पर और आसमान पर तू है
मेरी इबादत मेरी मोहब्बत पर इनायत कर,
मेरे दिल और धड़कन के दरम्यान में सिर्फ तू है
मेरी ख़ताएँ नाकाबिले माफ़ी है शायद,
तभी तो बेपरवाह है इस कदर कि मेरे दर्द से अनजान तू है

2.

ऐसा नहीं कि हमको मुहब्बत नहीं मिली, 
तुझे चाहते थे, पर तेरी उल्फत नही मिली, 
मिलने को तो ज़िंदगी में कईं हमसफ़र मिले, 
पर उनकी तबियत से अपनी तबियत नही मिली, 
चेहरों में दूसरों के तुझे ढूंढते रहे दर-ब-दर, 
सूरत नही मिली, तो कहीं सीरत नही मिली, 
बहुत देर से आया था वो मेरे पास यारों, 
अल्फाज ढूंढने की भी मोहलत नही मिली,
तुझे गिला था कि तवज्जो न मिली तुझे,
मगर हमको तो खुद अपनी मुहब्बत नही मिली,
हमे तो तेरी हर आदत अच्छी लगी "फ़राज़"
पर अफ़सोस !! तेरी आदत से मेरी आदत नही मिली..

3.

ज़ख्म क्या होता है ये बताएँगे किसी रोज, 
कमाल की ग़ज़ल तुमको सुनाएंगे किसी रोज, 
थी उन की जिद के मैं जाऊं उनको मनाने, 
मुझे ये वहम था कि वो बुलाएँगे किसी रोज, 
मैंने कभी सोचा भी नहीं था ऐसा कि, 
मेरे दिल को वो इतना दुखायेंगे किसी रोज, 
उड़ने दो इन परिंदों को आजाद फिजाओं में, 
गर होंगे तुम्हारे तो लौट के आएंगे किसी रोज..

4.

आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो,
मस्जिद में भजन, मंदिरों में अज़ान हो.
खून का रंग फिर एक जैसा हो,
तुम मनाओ दिवाली ,मैं कहूं रमजान हो.
तेरे घर भगवान की पूजा हो,
मेरे घर भी रखी एक कुरान हो.
तुम सुनाओ छन्द 'निराला' के,
यहाँ 'ग़ालिब' से मेरी पहचान हो.
हिंदी की कलम तुम्हारी हो,
यहाँ उर्दू मेरी जुबान हो.
बस एक बात तुझमे मुझमे वतन की खातिर यहाँ समान हो,
मैं तिरंगे को बलिदान दूँ, तुम तिरंगे पे कुर्बान हो.

5.

रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमारे और चिल्लाती है माँ।
चाहे हम खुशियों में माँ को भूल जायें दोस्तों,
जब मुसीबत सर पे आ जाए, तो याद आती है माँ।
हो नही सकता कभी एहसान है उसका अदा,
मरते मरते भी दुआ जीने की दे जाती है माँ।
मरते दम बच्चा अगर आ पाये न परदेस से,
अपनी दोनो पुतलियाँ चौखट पे धर जाती है माँ।
प्यार कहते है किसे और ममता क्या चीज है,
ये तो उन बच्चों से पूँछो, जिनकी मर जाती है माँ।

6.

वो मुझे मेहंदी लगे हाथ दिखा कर रोई, मैं किसी और की हूँ बस इतना बता के रोई!

शायद उम्र भर की जुदाई का ख्याल आया था उसे, वो मुझे पास अपने बैठा के रोई !

कभी कहती थी की मैं न जी पाऊँगी बिन तुम्हारे, और आज ये बात दोहरा के रोई!

मुझसे ज्यादा बिछड़ने का ग़म था उसे, वक़्त-ए -रुखसत वो मुझे सीने से लगा के रोई!

मैं बेक़सूर हूँ कुदरत का फैसला है ये, लिपट कर मुझे बस इतना बता के रोई।

मुझ पर दुःख का पहाड़ एक और टूटा, जब मेरे सामने मेरे ख़त जल के रोई।

मैं तन्हा सा खुद में सिमट के रह गया, जब वो पुराने किस्से सुना के रोई।

मेरी नफ़रत और अदावत पिघल गई एक पल में, वो वेबफ़ा थी तो क्यों मुझे रुला के रोई।

सब गिले-शिकबे मेरे एक पल में बदल गए, झील सी आँखों में जब आँसू के रोई।

कैसे उसकी मोहब्बत पर शक़ करूँ मैं, भरी महफ़िल में वो मुझे गले लगा के रोई !....

7.

तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है
बड़ा भोला बड़ा सादा बड़ा सच्चा है
तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है
वहां मैं मेरे बाप के नाम से जाना जाता हूँ
और यहाँ मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ
वहां फटे कपड़ो में भी तन को ढापा जाता है
यहाँ खुले बदन पे टैटू छापा जाता है
यहाँ कोठी है बंगले है और कार है
वहां परिवार है और संस्कार है
यहाँ चीखो की आवाजे दीवारों से टकराती है
वहां दुसरो की सिसकिया भी सुनी जाती है
यहाँ शोर शराबे में मैं कही खो जाता हूँ
वहां टूटी खटिया पर भी आराम से सो जाता हूँ,
यहाँ रात को बहार निकलने में दहशत है
मत समझो कम हमें की हम गाँव से आये है
तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये है,
वह इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते है
चल आज हम उसी गाँव में चलते है
............. उसी गाँव में चलते है |

8.

मेरे ज़मीर को इस क़दर निचोड़ा ना करो,
हर मुसलमान को दहशतगर्द से जोड़ा ना करो
हम ने भी गंवाई हैं जाने आजादी के लिए,
तुम हमें शक की नज़र से देखा ना करो
हिन्दू हो,मुसलमान हो,सिख हो के इसाई हो सब एक हैं
तुम हमें मज़हब के तराजू में तोला ना करो
देख कर मासूमों की लाशों को जितना तुम रोए थे,उतना हम भी रोए हैं
तुम हमें हैवानियत की जात से जोड़ा ना करो
ज़रा देखो उस लाचार माँ बीबी और बच्चे को,
मासूमों की लाशों पर सियासात की चादर को लपेटा न करो
वतन के बानी हो अगर ,तो एकता पर विश्वास करो,
मज़हब के नाम पर वोटों को बटोरा न करो
जो करे वतन से गद्दारी वो इंसान नहीं शैतान है ,
तुम मेरे पाक मज़हब को इस शैतानियत से जोड़ा न करो.

9.

जब तिरा नाम लिया दिल ने, तो दिल से मेरे
जगमागाती हुई कुछ वस्ल की रातें निकलीं
अपनी पलकों पे सजाये हुए अश्कों के चिराग़
सर झुकाये हुए कुछ हिज्र की शामें गुज़रीं
क़ाफ़िले खो गये फिर दर्द के सहराओं में
दर्द जो तिरी तरह नूर भी है नार भी है
दुश्मने-जाँ भी है, महबूब भी, दिलदार भी है

10.

जो हुआ वो हुआ किसलिए
हो गया तो गिला किसलिए
काम तो हैं ज़मीं पर बहुत
आसमाँ पर खुदा किसलिए
एक ही थी सुकूँ की जगह
घर में ये आइना किसलिए

11.

तस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नहीं बनती
एक ख़्वाब सा देखा है ताबीर नहीं बनती

बेदर्द मुहब्बत का इतना-सा है अफ़साना
नज़रों से मिली नज़रें मैं हो गया दीवाना
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती

दम भर के लिए मेरी दुनिया में चले आओ
तरसी हुई आँखों को फिर शक्ल दिखा जाओ
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती

12.

उसके होंठों पर रही जो, वो हँसी अच्छी लगी
उससे जब नज़रें मिलीं थीं वो घड़ी अच्छी लगी
उसने जब हँसते हुए मुझसे कहा` तुम हो मेरे `
दिन गुलाबी हो गए ,ये ज़िन्दगी अच्छी लगी
पूछते हैं लोग मुझसे , उसमें ऐसा क्या है ख़ास
सच बताऊँ मुझको उसकी सादगी अच्छी लगी
कँपकँपाती उँगलियों से ख़त लिखा उसने `खुमार `
जैसी भी थी वो लिखावट वो बड़ी अच्छी लगी

13.

भरी है धूप ही धूप
आँखों में
लगता है
सब कुछ उजला उजला
.
.
.
तुम्हें देखे ज़माने हो गए हैं

मेरा ही नसीब था

 
सब कुछ पास था उस के |
मुझे देने के लिए वो गरीब था |
उस ने बहुत धन दोलत दिया,
दुनिया को पर में तो एक गरीब था |

जो भी मिला उसी से मिला | ये मेरा ही नसीब था 
मेरा जनम हुआ ये भी उस के लिए बड़ा अजीब था |

कोई हंसा, कोई रोया, मेरे घर का ये माहोल था 
उस वक़्त माँ का दर्द में न समझ पाया था 
पर मुझे पता है माँ के में कितना करीब था 

जन्म की रात काली थी | चाँद भी न आया था 
दिन में बदलो ने डाला डेरा ये मेरा नसीब था 
दादा जी कहते है वो साल पड़ा बड़ा अकाल था |
सब कुछ कला था सिर्फ वो ही मेरा गुनगार था
ये कैसा मेरा नसीब था  ????????

बचपन बिता जवानी आई , घर छोड़ा ये कितना अजीब था 
आज तो माँ की ममता के लिए जीता हूँ  | हर रोज़ गम पिता हूँ 
 
गाव छोड़ के आया लेकिन यहाँ भी जीना मुहाल था ................

आज आज माँ के साथ मंदिर गया 
मंदिर में किसी ने पूछा तेरा चेहरा इतना उदास क्यों है| ?????
बरसती आखों में प्यास क्यों है और तुम मंदिर में क्यों हूँ 
जिनकी नजरो में तू कुछ भी नहीं वो तेरे लिए आज इतना खास क्यों है ||?

मैं कुछ न बोल पाया क्यों की वो भी तो मेरा ही रकीब था 
न कमी थी कोई जहान में, कमजोर मेरा ही नसीब था 

धोखे की कहाँ शिकायत लिखाएँगे

धोखे की कहाँ शिकायत लिखाएँगे - हिन्दी शायरी

उनकी अदाओं को देखकर 
वफाओं का आसरा हमने किया. 
उतरे नहीं उम्मीद पर वह खरे 
फिर भी कसूर खुद अपने को हमने दिया. 
दिल ही दिल में उस्ताद माना उनको 
अपनी बेवफाई से उन्होंने 
वफ़ा और यकीन को मोल हमें बता दिया.
------------------------
अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए
कदम कदम पर जंग लड़ते लोग 
किसी को भरोसा कैसे निभाएँगे. 
मयस्सर नहीं जिनको चैन का एक भी पल 
किसी दूसरे की बेचैनी क्या मिटायेंगे.
वादे कर मुकरने की आदत 
हो गयी पूरे ज़माने की 
नीयत हो गयी दूसरे के दर्द पर कमाने की 
ऐसे में कौन लोग किसके खिलाफ 
धोखे की कहाँ शिकायत लिखाएंगे.

Are you in a Healthy Relationship ??

POWER OF POSITIVITY

Relationships can either bring mutual growth and happiness, or feel suffocating and debilitating after a while. All relationships serve their purpose, whether you stay with someone for a few weeks or for an entire lifetime. Any relationship should support, encourage, uplift, and challenge you to become a better person, not drain you of energy and make you feel bad about yourself.

If you have to sacrifice any of the following things for your relationship, you might need to reevaluate what value the person adds to your life.

10 THINGS YOU SHOULD NEVER GIVE UP FOR A RELATIONSHIP

1. FREEDOM

If you constantly have to check in with your partner, or feel guilty about going somewhere with friends or family, this shows that your significant other lacks confidence within him or herself. Possessive behavior almost always points to an extreme internal insecurity, often from unhealed childhood wounds, such as abandonment or neglectful parents. Even though this person deserves love and kindness, you need to cut ties with the person to allow them to heal on their own. Controlling behavior suggests that the person does not feel comfortable with him or herself, and this definitely needs to be worked out before he or she commits to any long-term relationships.

2. YOURSELF

Never change yourself for someone else; the right person will love you for nothing less than your full, authentic self. Also, the right person would never want you to change, because they truly enjoy your genuine essence, without you having to change a thing. Granted, relationships all require small compromises, like maybe eating at a restaurant your partner wants to try instead of the one you really wanted to go to, but you shouldn’t have to alter your personality or beliefs for someone else. Be yourself unapologetically, and if your partner can’t accept you, you need to go for someone who will.

3. HAPPINESS

If someone doesn’t enhance your life and add to your joy, then what purpose do they serve in your life? Bottom line: if your partner drags you down and makes you feel crappy about yourself and life, then it’s time to call quits on the relationship. You need someone who will match your vibration and bring vibrant energy into your life, not someone who leeches the energy from your life. Of course he or she won’t always feel completely blissful, but if they can’t seem to find happiness on their own or offer it to you at all, then let them go…they need to focus on inner healing, not a relationship.

4. FUN

Do you enjoy the company of your partner; do you laugh, play, act like kids, and try new things together? A relationship always comes with disagreements from time to time, but even after a long time of being together, you still should be able to do activities that bring out the inner child in both of you. You should never give up fun in a relationship – without fun, life can become pretty mundane, and it will only cause tension if you remain with someone who can’t relax and let loose every once in a while.

5. YOUR DREAMS

An ideal partnership consists of two people on the same mission, supporting each other every step of the way. Or, just two people who have different dreams, but still encourage and cheer each other on. If you don’t have someone on the same path as you, or even someone who has your back, don’t hesitate to leave the relationship. What you want out of life makes up a large portion of who you are, and you don’t need someone who dismisses or bashes your goals.

6. INNER PEACE

Your guy or girl should make you feel a deep sense of calm that makes you forget about the chaos around you. If they make you anxious, nervous, or angry a majority of the time, they will only weaken your own vibration and cause you to become vulnerable to negative energy. Your partner should have peace within him or herself, and reflect it onto you as well.

7. YOUR DESIRE TO EXPLORE

Life is about having new experiences often, so if your partner is unwilling to try new things and holds you back from going on your own adventures, you probably won’t find long-term happiness with this person. Your partner should actually encourage you to take risks so you can grow as a person, so it should be a red flag if he or she tries to inhibit your free spirit.

8. YOUR OTHER RELATIONSHIPS

Your relationships with friends and family shouldn’t have to suffer just because you have a boyfriend, girlfriend, fiancé, or spouse. This ties in with possessive behavior a bit, because this can greatly compromise the other relationships in your life. Your partner should allow you to have friend and family time without getting possessive and trying to control who you hang out with and when. Make sure you have an understanding, confident partner who doesn’t need you around all the time to be happy.

9. YOUR SPIRITUAL/RELIGIOUS BELIEFS

Some people do change their religion for their partner, but it’s different if you truly desire to practice that religion rather than your partner trying to force you to adopt certain beliefs. No relationship is worth compromising deeply-held beliefs or practices. Your partner should enhance your spiritual life, and hopefully grow with you as you evolve.

10. COMMUNICATION

Every relationship requires a deep commitment to truly listening to the other person and understanding his or her thoughts and feelings. A loving, open relationship comprises two people who value one another’s opinion, and don’t judge each other. If you continually feel that your partner doesn’t make an honest effort to communicate openly with you, let them know your needs aren’t being met. It’s so important to have an emotionally available partner if you want a successful, happy relationship.

I believe that two people are connected at the heart, and it doesn't matter what you do, or who you are or where you live; there are no boundaries or barriers if two people are destined to be together. We've got this gift of love, but love is like a precious plant. You can't just accept it and leave it in the cupboard or just think it's going to get on by itself. You've got to keep watering it. You've got to really look after it and nurture it my dear Friends.

God Bless !!

Sunday, 3 January 2016

Uncontrollable Love

Love knows no end; it doesn't keep time, 
And it doesn't want to be alone. 
It brings constant reminders as the days pass
Cherished by all who want to receive them. 

Love is said to be in the eye of the beholder 
But, love resides in your heart and soul 
And is nourished by others. 

Love springs up when you least expect it. 
Love is out of your control. 
Love keeps you continually wondering. 
Love is there for you to reflect on. 
Love teaches your life to grow. 

Sometimes love hurts, and you want to die. 
Take a deep breath and face it head-on. 
Love isn't going anywhere; it's there by your side. 

Memories of love can make you happy and content, 
But they can also make you cry. 
Please don't ask yourself why! 

When love is in your grasp,
Whether now or in the past, 
Gently receive it and don't turn your back. 
Love consoles and heals the heart.
Love is yours if you want it, so embrace it!