इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी
अल्लाह निगहबान यहाँ भी है वहाँ भी
खूंख्वार दरिंदों के फक़त नाम अलग हैं
शहरों में बयाबान यहाँ भी है वहाँ भी
रहमान की क़ुदरत हो या भगवान की मूरत
हर खेल का मैदान यहाँ भी है वहाँ भी
हिन्दू भी मज़े में है मुसलमाँ भी मज़े में
इंसान परेशान यहाँ भी वहाँ भी
उठता है दिल-ओ-जाँ से धुआँ दोनों तरफ़ ही
ये मीर का दीवान यहाँ भी वहाँ भी
निदा फ़ाज़ली
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